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‘2027 में छोड़ूंगा, किसान डरता नहीं…’ इस्तीफे के बाद जगदीप धनखड़ के ये वीडियो वायरल

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Posted On:Tuesday, July 22, 2025

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने भारत की राजनीति में भूचाल ला दिया है। जब उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर अपने इस्तीफे की घोषणा की, तो राजनीतिक गलियारों में और सोशल मीडिया पर इस खबर ने तहलका मचा दिया। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा तुरंत मंजूर कर लिया गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस राजनीतिक हलचल के बीच, जगदीप धनखड़ के कुछ पुराने वीडियो और उनके वक्तव्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जो चर्चा का विषय बन गए हैं।


इस्तीफे की घोषणा और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

जगदीप धनखड़ ने X पर एक भावुक संदेश के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने पद से हटने के पीछे की वजहों का जिक्र किया। उनकी इस घोषणा ने देशभर के राजनेताओं, पत्रकारों और आम जनता के बीच सवाल खड़े कर दिए कि क्या राजनीतिक तनाव या व्यक्तिगत कारण इस फैसले के पीछे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तुरंत उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया, जिससे उनकी नियुक्ति समाप्त हो गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धनखड़ ने देश सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं। लेकिन इस बीच राजनीतिक दलों और विश्लेषकों के बीच कयासों का दौर शुरू हो गया कि आने वाले समय में यह इस्तीफा किस दिशा में जाएगा और इसका राजनीतिक असर क्या होगा।


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पुराने वीडियो

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर उनके पुराने वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक खास वीडियो जिसमें वह संसद में कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद प्रमोद तिवारी से मुखातिब हैं, बहुत चर्चा में है। इस वीडियो में धनखड़ ने जोर देते हुए कहा, “मैं किसान का बेटा हूं और किसान कभी डरता नहीं।” यह बात उनके साहस और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।

इसके अलावा, उन्होंने संसद में यह भी कहा था कि वे अपना पद 2027 तक संभालेंगे, जो अब अचानक इस्तीफा देने के बाद लोगों के लिए हैरानी की बात बन गई है। इन वीडियो की वजह से लोग उनके राजनीतिक जीवन, उनके विचारों और उनकी प्रतिबद्धताओं पर चर्चा कर रहे हैं।


इस्तीफा क्यों और क्या हो सकता है असर?

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की पृष्ठभूमि और कारणों को लेकर राजनीतिक विश्लेषक विभिन्न अटकलें लगा रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह इस्तीफा सत्ता संघर्ष और राजनीतिक असहमति का परिणाम हो सकता है, जबकि कुछ इसे उनके व्यक्तिगत कारणों से जोड़ा जा रहा है।

राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि उपराष्ट्रपति पद खाली होने के बाद इसकी रिक्तता को कैसे भरा जाएगा और इसका भविष्य के चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, इसलिए इस पद पर नई नियुक्ति की प्रक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं।


जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर काफी उल्लेखनीय रहा है। वे राजस्थान से आते हैं और उन्होंने कृषि क्षेत्र से जुड़ी जनता के लिए काम किया है। उनके कार्यशैली और लोक भावना को उनके समर्थक खूब सराहते हैं। उनके इस्तीफे के बाद राजनीतिक दलों में हलचल मची है, और उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें समर्थन दिया है।

धनखड़ ने संसद में और अन्य सार्वजनिक मंचों पर किसानों और ग्रामीण जनता के मुद्दों को उठाने में कभी पीछे नहीं हटे। यही वजह है कि उनकी “किसान का बेटा हूं, किसान डरता नहीं” वाली बात सोशल मीडिया पर इतना वायरल हुई है। इससे उनके लिए जनसमर्थन भी मजबूत होता दिख रहा है।


राजनीतिक हलचल और भविष्य की संभावनाएं

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राजनीतिक माहौल में तेजी से बदलाव आ सकते हैं। विपक्ष और सहयोगी दल दोनों ही इस मुद्दे को लेकर सक्रिय हैं। यह देखना होगा कि आगामी दिनों में केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच इस मामले पर क्या संवाद होगा।

इस्तीफा देने के बाद धनखड़ की राजनीतिक यात्रा किस दिशा में जाएगी, यह भी अब चर्चा का विषय है। कुछ विश्लेषक मानते हैं कि वे राजनीतिक मंच पर कहीं और सक्रिय हो सकते हैं या फिर रणनीतिक विराम भी ले सकते हैं। वहीं कुछ का कहना है कि वे भविष्य में और भी बड़ा राजनीतिक दायित्व संभाल सकते हैं।


निष्कर्ष

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ा झटका है। उनके पुराने वीडियो और वक्तव्य सोशल मीडिया पर उनकी छवि को जीवंत बनाए हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि उनकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति पद के लिए कौन उम्मीदवार सामने आएगा और इस इस्तीफे का देश की राजनीतिक स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

इस बीच जनता और राजनीतिक वर्ग दोनों ही इस घटना को लेकर उत्सुक हैं और आगामी राजनीतिक घटनाक्रम पर नजरें बनाए हुए हैं। यह देखना बाकी है कि जगदीप धनखड़ आगे अपने राजनीतिक करियर में क्या कदम उठाते हैं और उनका यह कदम देश की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।


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